जावेद ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर देखा कि एम्बुलेंस की कमी है और लोगों को अस्पताल तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद ही मैंने अपने ऑटो को एम्बुलेंस में तब्दील करने का फैसला लिया। इससे एम्बुलेंस की कमी के संकट से निपटा जा सकेगा।

यही नहीं जावेद का कहना है कि अपने मकसद को पूरा करने के लिए उन्हें अपनी पत्नी के जेवर भी बेचने पड़े हैं। जावेद ने कहा कि मैं रिफिल सेंटर के बाहर खड़ा रहता हूं ताकि ऑक्सीजन मिल सके। वह कहते हैं कि मेरा नंबर सोशल मीडिया पर मौजूद है ताकि एम्बुलेंस की कमी होने की स्थिति में लोग मुझे कॉल कर सकें।

जावेद ने कहा कि मैं बीते 15 से 20 दिनों से लोगों की सेवा कर रहा हूं। अब तक मैं 9 गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अस्पताल तक छोड़ चुका हूं। देश में कोरोना मरीजों को अस्पताल छोड़ने या फिर शव को ले जाने के लिए चंद किलोमीटर के लिए हजारों रुपये की वसूली के मामले सामने आए हैं।